Bihar D.El.Ed: पटना हाई कोर्ट ने डिप्लोमा इन एलिमेंटरी डिग्रीधारी शिक्षकों (Diploma in Elementary Education - DElEd ) को बहाली प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति देते हुए बड़ी राहत दी। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 30 दिनों के अंदर इन शिक्षकों का आवेदनपत्र स्वीकार करने का निर्देश दिया है।
जस्टिस प्रभात कुमार झा ने इस मामले पर पहले ही सुनवाई पूरी कर इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था।18 माह के डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन डिग्रीधारी शिक्षकों को राज्य सरकार ने पंचायत शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति नहीं दी थी, जिसपर पटना हाईकोर्ट ने आज शिक्षकों के पक्ष में निर्णय दिया। इसका लाभ ढाई लाख उम्मीदवारों को मिल पायेगा।
डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन शिक्षकों के मामले पर पटना हाईकोर्ट में 21 जनवरी को ही फैसला सुनाया जाने वाला था लेकिन 21 जनवरी को मामले में हुई सुनवाई में कोई निर्णय नहीं हो सका और न्यायाधीश पीके झा की एकलपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
प्रदेश के डीएलएड शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि पंचायत शिक्षकों की बहाली के मामले में राज्य सरकार इस डिप्लोमाधारी पाठ्यक्रम को मान्यता नहीं दे रही है। इसे लेकर अनेक याचिकाकर्ताओं ने नाराजगी जताई थी।
वेतन इजाफे पर भी पटना हाईकोर्ट ने दी थी राहत
उल्लेखनीय है कि डीएलएड परीक्षा की मार्कशीट और सर्टिफिकेट मिलने में देरी के मामले में बिहार के प्राथमिक शिक्षकों को पटना हाईकोर्ट ने राहत दी थी। कोर्ट ने सरकार को डीएलएड परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों के वेतन इजाफे की तारीख को परीक्षा की मार्कशीट या सर्टिफिकेट जारी होने की तिथि से न मानकर डीएलएड ट्रेनिंग खत्म होने की तिथि से विचार करने का आदेश दिया था।
विदित हो कि बिहार के 263116 प्राथमिक शिक्षकों की डीएलएड के सत्र 2013-15 के लिए ट्रेनिंग 2017 में पूरी हुई। राज्य परीक्षा समिति ट्रेनिंग पूरी करने वाले शिक्षकों की परीक्षा भी नहीं ले पा रही थी। हाईकोर्ट के आदेश पर नवंबर 2018 में परीक्षा ली गई। रिजल्ट इस वर्ष मार्च में जारी किया गया। इसके 6 माह गुजर जाने के बाद भी परीक्षा बोर्ड सफल हुए शिक्षकों का अंकपत्र व सर्टिफिकेट तक नहीं दे पाया।
बीते 18 नवंबर को हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि अगर 25 नवंबर तक अंकपत्र जारी नहीं हुए तो बोर्ड के संयुक्त सचिव कोर्ट में उपस्थित रहेंगे।
जस्टिस प्रभात कुमार झा ने इस मामले पर पहले ही सुनवाई पूरी कर इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था।18 माह के डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन डिग्रीधारी शिक्षकों को राज्य सरकार ने पंचायत शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति नहीं दी थी, जिसपर पटना हाईकोर्ट ने आज शिक्षकों के पक्ष में निर्णय दिया। इसका लाभ ढाई लाख उम्मीदवारों को मिल पायेगा।
डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन शिक्षकों के मामले पर पटना हाईकोर्ट में 21 जनवरी को ही फैसला सुनाया जाने वाला था लेकिन 21 जनवरी को मामले में हुई सुनवाई में कोई निर्णय नहीं हो सका और न्यायाधीश पीके झा की एकलपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
प्रदेश के डीएलएड शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि पंचायत शिक्षकों की बहाली के मामले में राज्य सरकार इस डिप्लोमाधारी पाठ्यक्रम को मान्यता नहीं दे रही है। इसे लेकर अनेक याचिकाकर्ताओं ने नाराजगी जताई थी।
वेतन इजाफे पर भी पटना हाईकोर्ट ने दी थी राहत
उल्लेखनीय है कि डीएलएड परीक्षा की मार्कशीट और सर्टिफिकेट मिलने में देरी के मामले में बिहार के प्राथमिक शिक्षकों को पटना हाईकोर्ट ने राहत दी थी। कोर्ट ने सरकार को डीएलएड परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों के वेतन इजाफे की तारीख को परीक्षा की मार्कशीट या सर्टिफिकेट जारी होने की तिथि से न मानकर डीएलएड ट्रेनिंग खत्म होने की तिथि से विचार करने का आदेश दिया था।
विदित हो कि बिहार के 263116 प्राथमिक शिक्षकों की डीएलएड के सत्र 2013-15 के लिए ट्रेनिंग 2017 में पूरी हुई। राज्य परीक्षा समिति ट्रेनिंग पूरी करने वाले शिक्षकों की परीक्षा भी नहीं ले पा रही थी। हाईकोर्ट के आदेश पर नवंबर 2018 में परीक्षा ली गई। रिजल्ट इस वर्ष मार्च में जारी किया गया। इसके 6 माह गुजर जाने के बाद भी परीक्षा बोर्ड सफल हुए शिक्षकों का अंकपत्र व सर्टिफिकेट तक नहीं दे पाया।
बीते 18 नवंबर को हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि अगर 25 नवंबर तक अंकपत्र जारी नहीं हुए तो बोर्ड के संयुक्त सचिव कोर्ट में उपस्थित रहेंगे।
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