Basant Panchami: बिहार, यूपी के कुछ हिस्सों समेत देश के इलाकों में बसंत पंचमी का त्योहार आज (30 जनवरी) भी मनाया जा रहा है। ये विद्या की देवी मां सरस्वती की उपासना का दिन है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन ब्रह्माजी ने मां सरस्वती की रचना की थी। इस मौके पर कई शिक्षण संस्थानों में पूजा-अर्चना की तैयारी की गई है। कई जगहों पर मां सरस्वती की मूर्ति भी स्थापित की गई है।
Sarasawati Puja: पंचमी तिथि बुधवार से है शुरू
दरअसल, पंचांग के अनुसार पंचमी तिथि की शुरुआत बुधवार (29 जनवरी) सुबह 10.45 बजे से हो चुकी है और इसका समापन आज (30 जनवरी) दोपहर 1.19 बजे होगा। हिंदू धर्म में सूर्योदय के साथ तिथि का महत्व माना गया है। इसलिए उदया तिथि को माने तो सरस्वती पूजा आज मनाई जा रही है।
मान्यताओं के अनुसार सूर्योदय के समय जो तिथि हो, उसे ही माना जाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि बसंत पंचमी से बसंत ऋतु की भी शुरुआत होती है। दरअसल वसंत, ग्रीष्म और वर्षा को देवताओं की ऋतु कहा गया है। वहीं शरद, हेमंत और शिशिर पितरों की ऋतुएं हैं।
Sarasawati Puja: सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक दोपहर 1.29 बजे तक पंचमी तिथि है। सरस्वती पूजा पर गुरुवार को अमलकीर्ति और अनफा योग बन रहा है। चंद्रमा से दशम भाव में किसी ग्रह के रहने पर अमलकीर्ति योग और सूर्य को छोड़ चंद्रमा के द्वादश भाव में कोई ग्रह रहता है, तब अनफा योग बनता है। ऐसे में आज पंचमी खत्म होने तक कभी भी पूजा की जा सकती है।
Sarasawati Puja: मूर्ति विसर्जन का मुहूर्त
मां सरस्वती की मूर्ति विसर्जन का शुभ समय 31 जनवरी को रहेगा। 31 जनवरी (शुक्रवार) की शाम 6 बजकर 10 मिनट के बाद पंचक भी खत्म हो रहा है। इसलिए शाम के बाद विसर्जन का समय शुभ है।
Sarasawati Puja: पंचमी तिथि बुधवार से है शुरू
दरअसल, पंचांग के अनुसार पंचमी तिथि की शुरुआत बुधवार (29 जनवरी) सुबह 10.45 बजे से हो चुकी है और इसका समापन आज (30 जनवरी) दोपहर 1.19 बजे होगा। हिंदू धर्म में सूर्योदय के साथ तिथि का महत्व माना गया है। इसलिए उदया तिथि को माने तो सरस्वती पूजा आज मनाई जा रही है।
मान्यताओं के अनुसार सूर्योदय के समय जो तिथि हो, उसे ही माना जाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि बसंत पंचमी से बसंत ऋतु की भी शुरुआत होती है। दरअसल वसंत, ग्रीष्म और वर्षा को देवताओं की ऋतु कहा गया है। वहीं शरद, हेमंत और शिशिर पितरों की ऋतुएं हैं।
Sarasawati Puja: सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक दोपहर 1.29 बजे तक पंचमी तिथि है। सरस्वती पूजा पर गुरुवार को अमलकीर्ति और अनफा योग बन रहा है। चंद्रमा से दशम भाव में किसी ग्रह के रहने पर अमलकीर्ति योग और सूर्य को छोड़ चंद्रमा के द्वादश भाव में कोई ग्रह रहता है, तब अनफा योग बनता है। ऐसे में आज पंचमी खत्म होने तक कभी भी पूजा की जा सकती है।
Sarasawati Puja: मूर्ति विसर्जन का मुहूर्त
मां सरस्वती की मूर्ति विसर्जन का शुभ समय 31 जनवरी को रहेगा। 31 जनवरी (शुक्रवार) की शाम 6 बजकर 10 मिनट के बाद पंचक भी खत्म हो रहा है। इसलिए शाम के बाद विसर्जन का समय शुभ है।
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