शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर वर्ष मेले वतन पर मर मिटने वालों का क्या यही बांकी निशा होगा। जी हाँ हम बात कर रहे है पुलवामा हमले में हुए शहीद रतन ठाकुर की।
पुलवामा हमले के बीते लगभग तक़रीबन एक वर्ष हो गए है। उनके परिवार वालों का हाल जांनने के लिए हमारी टीम उनके घर पहुंची। शहीद रतन ठाकुर के पिता ने बताया CRPF सहिंत राज्य सरकार की घोषणा की गई राशि उनके पास पहुँच गई है। पर कई वादें अभी तक पुरे नहीं हुए है। अम्बानी के तरफ से किया गया वादा भी अभी तक पूरा नहीं किया गया है। लेकिन कुछ स्थानीय सामाजिक संस्थानों ने एवं एक प्रावेट स्कुल प्रबंध के तरफ जो वादे किये गए थे वो उन्होंने पूरा कर दिए।
पुलवामा हमले पर किये जा रहे जाँच पर पूछने पर शहीद रतन ठाकुर के पिता ने बताया की सरकार की तरफ से अभी तक कोई जानकारी उन्हें नहीं दी गई है। शहीद रतन ठाकुर की पत्नी ने भी मुआबजे की राशि पर असंतोष जताया है। उनकी पत्नि ने बताया कि मुआवजे की राशी के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गयी है। सरकारी मदद नहीं मिला है।
आपको बता दें कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में शहीद हुए भागलपुर कहलगाँव के अमदण्डा पंचायत निवासी रतन ठाकुर की शहादत के बाद सरकार ने मुआवजे के साथ साथ घर के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी का वादा किया था लेकिन दावे फेल नजर आ रहे हैं।
Input-Voice Of Bihar
पुलवामा हमले के बीते लगभग तक़रीबन एक वर्ष हो गए है। उनके परिवार वालों का हाल जांनने के लिए हमारी टीम उनके घर पहुंची। शहीद रतन ठाकुर के पिता ने बताया CRPF सहिंत राज्य सरकार की घोषणा की गई राशि उनके पास पहुँच गई है। पर कई वादें अभी तक पुरे नहीं हुए है। अम्बानी के तरफ से किया गया वादा भी अभी तक पूरा नहीं किया गया है। लेकिन कुछ स्थानीय सामाजिक संस्थानों ने एवं एक प्रावेट स्कुल प्रबंध के तरफ जो वादे किये गए थे वो उन्होंने पूरा कर दिए।
परिवार के साथ शहीद रतन ठाकुर (फाईल) |
आपको बता दें कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में शहीद हुए भागलपुर कहलगाँव के अमदण्डा पंचायत निवासी रतन ठाकुर की शहादत के बाद सरकार ने मुआवजे के साथ साथ घर के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी का वादा किया था लेकिन दावे फेल नजर आ रहे हैं।
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