इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है पटना से जहां शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी किया है. बिहार में प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है.
विभाग की ओर से जारी निर्देश के मुताबिक प्रारंभिक शिक्षकों के नियोजन की निर्धारित कार्रवाई को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. वैदिक परामर्श के बाद नए सिरे से नियोजन की कार्रवाई की जाएगी.
18 माह की डीएलएड डिग्री धारक अभ्यर्थियों के कारण यह पेंच फंसा है. NIOS से डिग्रीधारियों को नियुक्ति की मान्यता नहीं मिली थी. जिसके बाद हाईकोर्ट ने इन अभ्यर्थियों को भी शामिल करने का आदेश दिया था. इस आदेश के बाद शिक्षा विभाग को 30 दिनों का समय दिया था.
बता दें कि 22 जनवरी को पटना हाईकोर्ट ने 18 माह की डीएलएड डिग्री लेने वालों को शिक्षक नियोजन में शामिल करने का आदेश दिया था. एनसीटीई भी एक प्रतिवादी है और उसके द्वारा कोर्ट में पक्ष भी रखा गया था.
बिहार में एनआईओएस से 18 माह का सेवाकालीन डीएलएड प्रशिक्षण लेने वालों की संख्या करीब 2.63 लाख है और इनमें 2 लाख निजी विद्यालयों के शिक्षक हैं.
पिछले साल भी शिक्षा विभाग ने एनसीटीई से 18 माह के डीएलएड डिग्रीधारियों को शिक्षक नियोजन में शामिल होने अथवा नहीं होने को लेकर मार्गदर्शन मांगा था. आरके महाजन ने एनसीटीई को भेजे पत्र में पुराने मार्गदर्शक का भी जिक्र किया था, जिसमें नियुक्ति में 2010 और 2011 की अधिसूचनाओं पर दृढ़ रहने का सुझाव एनसीटीई ने दिया था.
उसके अनुपालन में शिक्षा विभाग ने 11 सितम्बर 2019 को अनुवर्ती निर्देश जारी कर कहा था कि अगले नियोजन में 18 माह की डीएलएड डिग्री मान्य नहीं होगी. एनसीटीई के स्पष्टीकरण और शिक्षा विभाग के इसी निर्देश के खिलाफ पटना उच्च न्यायालय में वाद दायर किया गया था.
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